कोरोना वायरस का संक्रमण महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक हो रहा है यह बात तो सामने आ चुकी है. कई शोधों में कोरोना वायरस का संक्रमण के वाजिब कारण भी गिनाए गए हैं।
मुंबई स्थित कस्तूरबा हॉस्पिटल फॉर इंफेक्शियस डिजीज में जयंती शास्त्री माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। मेडिकल वेबसाइट मेडआरएक्सआइवी पर जयंती शास्त्री का यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है। जयंती शास्त्री के अध्ययन के मुताबिक पुरुषों के वृषण (अंडकोष) में एसीई 2 या एंजियोटेंसिन कन्वटिर्ंग एंजाइम 2 नामक प्रोटीन महिलाओं की डिंब ग्रंथि के मुकाबले अधिक पाया जाता है जो कोरोना वायरस का संक्रमण की मुख्य वजह है।
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मेडिकल वेबसाइट मेडआरएक्सआइवी पर प्रकाशित इस अध्ययन को कोरोना संक्रमित पुरुषों और महिलाओं की मृत्यु दर अनुपात से भी समर्थन मिलता है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति वाले देश चीन में पुरुषों की मृत्यु दर 2.8% और महिलाओं की मृत्यु दर 1.7% रही है। इसी तरह भारत में भी कोविड-19 होने वाले पुरुषों का आंकड़ा 76% तथा महिलाओं में यह 24% (3:1) है।
अध्ययन का स्वरूप
कोरोना वायरस जब शरीर में प्रवेश करता है तो वह एसीई 2 प्रोटीन या एंजियोटेंसिन कन्वटिर्ंग एंजाइम 2 से जुड़ जाता है। एसीई 2 प्रोटीन फेफड़ों, ह्रदय तथा आंतों में भी पाया जाता है। लेकिन पुरुषों में एसीई 2 प्रोटीन या एंजियोटेंसिन कन्वटिर्ंग एंजाइम 2 अंडकोष में भी ज्यादा मात्र में पाया जाता है, जबकि महिलाओं की डिम्बग्रंथि के ऊतकों में एंजियोटेंसिन कन्वटिर्ंग एंजाइम 2 की मात्र बहुत कम होती है। शोधकर्ताओं द्वारा न्यूयॉर्क और मुंबई में किए गए अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं में कोरोना वायरस संक्रमण खत्म होने में 4 दिन लगे जबकि पुरुषों में यह समय 6 दिन यानी करीब 50% ज्यादा था। कोरोना वायरस से पुरुषों के स्वस्थ होने में भी महिलाओं से ज्यादा समय लगे। शोधकर्ताओं द्वारा न्यूयॉर्क और मुंबई में किए गए कोरोना वायरस का संक्रमण अध्ययन में शामिल सहभागियों की उम्र 3-75 साल और औसत उम्र 37 साल थी।
- कोरोना वायरस का संक्रमण एसीई 2 प्रोटीन या एंजियोटेंसिन कन्वटिर्ंग एंजाइम 2 नामक कोशिका प्रोटीन से जुड़ा है, जो अंडकोश में पाया जाता है।
- एसीई 2 प्रोटीन या एंजियोटेंसिन कन्वटिर्ंग एंजाइम 2 नामक कोशिका प्रोटीन महिलाओं के डिम्बग्रंथि (ओवेरियन) ऊतकों में उतनी मात्र में नहीं पाया जाता है।
और अध्ययनों की जरूरत
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के मेडिकल इमेजिंग के प्रोफेसर डेरेक हिल का कहना है कि बुजुगोर्ं खासकर 80 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का ज्यादा जोखिम होता है। –Source