कोरोनावायरस दुनिया में लाखों लोगों को अपना शिकार बना चुका है। लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हो कर अपनी जान गँवा चुके हैं। भारत में भी ये जानलेवा वायरस अपनी दस्तक दे चुका है। लेकिन भारत में जितने लोग इस वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गँवा रहे हैं उतने ही लोग भूख के कारण भी मर रहे हैं। कोरोना फैलने की वजह से लगा लॉकडाउन सैंकड़ो लोगों की जान ले चुका है।
अभी-अभी एक बेहद दुःखद घटना के बारे में सुनने को मिला है। एक गरीब मज़दूर ने इसलिए आत्महत्या कर ली कि वो अपने बच्चो को 2 वक़्त का खाना नहीं खिला सका। मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है। काकादेव थाना क्षेत्र में राजापुरवा नामक गाँव में विजय नाम का एक शख्स अपने परिवार के साथ रहता था। विजय एक मज़दूर आदमी था वह खेती-बाड़ी का काम करता था।
विजय के साथ उसके परिवार में उसकी पत्नी और 4 बच्चे रहते थे। कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन लग गया और विजय कि मज़दूरी बंद हो गयी। गरीब परिवार ने जो कुछ पैसे जमा कर रखे थे उसमे अब तक का समय काटा। जैसे तैसे करके विजय अपने परिवार का पेट पालता रहा। लेकिन पिछले 15 दिन से उनके परिवार में बेहद तंगी के हालात हो गए। अब उनके पास खाने को कुछ नहीं बचा था।
विजय और उसका परिवार रूखी सूखी रोटी खा कर अपना समय व्यतीत कर रहा था। विजय ने बहुत कोशिश की लेकिन उसको कहीं कोई काम नहीं मिला। आखिरकार विजय से अपने भूखे बच्चो का चेहरा नहीं देखा गया और विजय फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले में ज़रूरी कार्यवाही को अंजाम दिया। विजय जैसे ही न जानें कितने लोग इस लॉकडाउन में अपनी जान गँवा चुके हैं।