चंद्रशेखर आज़ाद एक सामाजिक कार्यकर्ता ,राजनीतिज्ञ और भीम आर्मी के संस्थापक है । आज़ाद का जन्म 3 दिसम्बर 1986 में सहारनपुर के घड़कौली गांव में हुआ था । उन्हें ‘रावण’ के नाम से भी जाना जाता है। आज़ाद की प्रारंभिक शिक्षा उन्ही के गांव के स्कूल से हुई है । उसके बाद चंद्रशेखर आज़ाद ने वकालत की पढ़ाई देहरादून से पूरी की । आज़ाद अपने जीवन मे बाबा साहेब , मान्यवर कांशीराम को आदर्श मानते है । आज़ाद को बचपन से ही एक महान वकील बनने का सपना था । वह शुर्खियों में तब आये जब उन्होंने एक दलित नेता के तौर पर ” द ग्रेट चमार ” का एक बोर्ड अपने गांव के गेट पर लगवा दिया था । आज़ाद के पिट एक सरकारी स्कूल से रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं। आज़ाद और उनके दो दोस्तों ने मिलकर 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की । यह संस्था दलित हिंदुओं की रक्षा और विकास के लिए काम करती है । आज़ाद को 205 में सहारनपुर के शाबिरपुर गांव में हुई दलित-राजपूतों हिंसा के सम्बन्ध में गिरफ्तार किया था । आज़ाद को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था ।
चंद्रशेखर कहते है, “भले ही रावण का नकारात्मक चित्रण किया जाता रहा हो लेकिन जो व्यक्ति अपनी बहन के सम्मान के लिए लड़ सकता हो और सब कुछ दावँ पर लगा सकता हो वो गलत कैसे हो सकता है।
चंद्रशेखर आज़ाद शिक्षा के छेत्र में भी का करते है और उनकी भीम आर्मी सहारनपुर के पास वाले जिले जैसे मुजफ्फरनगर, मेरठ , बागपत , शामली में भी अपने स्कूल चलाते है। सितंबर साल 2016 में सहारनपुर के छुटमलपुर में स्थित एएचपी इंटर कॉलेज में दलित छात्रों की कथित पिटाई के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पहली बार चंद्रशेखर आज़ाद और उनकी भीम आर्मी सुर्खियों में आये। 5 मई 2017 को सहारनपुर से 25 किलोमीटर दूर शब्बीरपुर गांव में दलित-राजपुतों के बीच हिंसा हुई थी । इस हिंसा में कथित तौर पर दलितं के घर जला दिए थे और एक शख्स की मौत भी हुई थी। इस हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया गया तो पुलिस ने 37 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया । इस पूरे मामले के बाद चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में भीम आर्मी ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था । चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन बचपन से ही सघर्ष में बीता है । चंद्रशेखर आज़ाद को अपना 9 महीने का वक़्त जेल में भी बिताना पड़ा।
अभी फिलहाल चल रहे नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ व्हाल रहे विरोध प्रदर्शन में चंद्रशेखर आज़ाद को दिल्ली पुलिस ने मोर्च जाम करने से इनकार कर दिया था । आज़ाद का यह प्रदर्शन दिल्ली के जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक जाना था । आज़ाद ने दिल्ली पुलिस के मना करने के बाद जामा मस्जिद के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और कई दिनों तक हिरासत में रखा गया । चंद्रशेखर आज़ाद बहुत जल्द राजनीति में भी नजर आने वाले है आज़ाद बहुत जल्द अपनी राजनीति पार्टी बनाने का भी ऐलान करने वाले है ।
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