कोरोनावायरस लाखों लोगों की जान ले चुका है। इस वायरस से लड़ने और इसको रोकने के लिए सभी देशों में लॉकडाउन लागू किये गए हैं। कोई भी व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकता है। ऐसे में बहुत से ऐसे लोग हैं जो लॉकडाउन के कारण अपने घर से कहीं दूर फंस गए है। कुछ लोग तो देश से बाहर दूसरे देशों में भी फंसे हुए हैं। अभी हाल ही में कुवैत में एक भारतीय व्यक्ति की मौत हुई है।
राजस्थान के डूंगरपुर में स्थित सीमलवाड़ा इलाके में रहने वाले दिलीप नाम के एक व्यक्ति काफी लम्बे समय से कुवैत में होटल का बिज़नेस करते थे। कुवैत में उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण हो गया। जिसके कारण उनकी कुवैत में ही मौत हो गयी। लॉकडाउन के कारण काफी उनकी बॉडी को भारत नहीं लाया जा सका। उनकी बॉडी को कुवैत में ही दफना दिया गया।
लेकिन भारत में एक अनोखी चीज़ देखने को मिली। सीमलवाड़ा में उनके परिवार के लोगों ने दिलीप का एक पुतला बनवाया और उस पुतले का अंतिम संस्कार किया। राजस्थान में ये अजीब घटना देखने को मिली। पुतले के अंतिम संस्कार की खबर इलाके में काफी चर्चा में रही। लोगों में ये अंतिम संस्कार देखने की इच्छा काफी ज़्यादा थी।
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कुवैत में रह रहे दिलीप जब कोरोना से संक्रमित पाए गए तो उनको तुरंत हॉस्पिटल में में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने काफी कोशिश की लेकिन फिर भी वे दिलीप को बचा न सके। दिलीप के शव को भारत लाने की भी काफी कोशिशे की गयी लेकिन लॉकडाउन और कोरोनावायरस के चलते अन्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की वजह से उनके शव को कुवैत में ही दफना दिया गया।
दिलीप के परिवार को उन्हें आखिरी बार न देख पाने और उनका अंतिम संस्कार न कर पाने बहुत दुख था। इसीलिए उन्होंने दिलीप का पुतला बनवाया और उसका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। पुतले को उन्होंने दिलीप के कपड़े पहनाये और पुतले के मुँह पर दिलीप का फोटो चिपकाया गया। हिन्दू रीति-रिवाजो के अनुसार दिलीप के पुतले की शव यात्रा निकाली गयी। और फिर उसको शमशान घाट ले जाकर उसका दाह-संस्कार किया गया। पुतले का अंतिम संस्कार करने के बाद परिवार के लोग में संतोष है।