रमज़ान का महीना चल रहा है। इस बार रमज़ान का पूरा महीना कोरोनावायरस के कारण लगे लॉकडाउन में गुज़रा है। रमज़ान के महीने में जहाँ मस्जिदें भरी रहती थी इस बार पूरे महीने मस्जिदें वीरान रही हैं। भारत में शायद ऐसा पहली बार ही हुआ है। रमज़ान का महीना अब ख़त्म होने को आया है। रमज़ान के महीने का अब बस एक आखिरी रोज़ा बचा है। इसके बाद ईद का त्यौहार आएगा।
मुस्लिम लोग रमज़ान के महीने के 30 रोज़े रखने के बाद ईद का त्यौहार मनाते हैं। पूरे साल मुस्लिम लोगों को ईद के त्यौहार का इंतज़ार रहता है। ईद भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। लेकिन इस बार ईद लॉकडाउन में मनाई जाएगी। भारत में ऐसा पहली बार होगा कि ईद की नमाज़ ईदगाह और मस्जिद की जगह अपने अपने घरों में अदा की जाएगी। देश भर के उलेमाओं ने भी मुस्लिमों से अपील की है कि इस बार ईद पर लोग अपने घरों में ही रहें।
पिछले दो महीने में दुनिया के अंदर लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। पूरी दुनिया ने कोरोनावायरस का कहर झेला है। उलेमाओं ने अपील की है कि लोग इस बार ईद पर अपने घरों में ही रहें। उन्होंने सऊदी का उदहारण देते हुए कहा है कि सऊदी में भी इस बार ईद इसी तरह मनाई जाएगी। साथ ही उलेमाओं ने इस बार ईद पर शॉपिंग करने को भी मना किया है। उलेमाओं ने कहा है कि लोग शॉपिंग की जगह अपने आस पड़ोस के लोगों के खाने का ख्याल रखे।
हर साल ईद पर पूरे भारत में सैंकड़ो करोड़ रूपये की शॉपिंग होती है। उलेमाओं ने अपील की है कि इस बार ये पैसा गरीबों और ज़रूरतमंद लोगों को दिया जाए। काफी हद तक लोग इस बात को मानते हुए भी नज़र आए हैं। देश भर के मुस्लिम लोग गरीब मज़दूरों की मदद करते हुए दिखाई दे रहें हैं। लॉकडाउन के कारण गरीब मज़दूर अपने घरों से दूर फंस गए हैं। ऐसे लोगों की मदद करने का सन्देश उलेमाओं ने लोगों को दिया है।