कोरोनावायरस फैलने के कारण देश में लॉकडाउन के हालात हैं। लॉकडाउन के कारण जो लोग जहाँ हैं वहीं फंस गए हैं। ऐसे में कुछ लोग पैदल ही अपनी मंज़िल की तरफ निकल पड़े हैं। लेकिन पैदल निकले इन लोगों का ये सफर कई बार काफी दर्दनाक साबित होता है। ऐसी ही शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आयी है। पैदल घर जा रही एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। महिला हावड़ा के लिए पैदल निकली थी।
सामूहिक बलात्कार की ये घटना रतनगढ़ में घटित हुई है। 36 वर्षीय एक महिला का ससुराल डीडवाना में है। महिला का मायका पश्चिम बंगाल के हावड़ा में है। किसी ज़रूरी वजह से महिला को हावड़ा के लिए पैदल ही निकलना पड़ गया। अकेली सफर पर निकली महिला रास्ते में लिफ्ट लेते हुए रतनगढ़ तक पहुँच गयी। रतनगढ़ से उसको कोई सवारी नहीं मिल पायी। महिला बहुत थक गयी थी और रात भी हो गयी थी इसलिए उसने एक रात वहीं रुकने का निर्णय लिया।
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महिला को भूख लगी थी और उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं था। कुछ दूर जाने पर उसको रैन बसेरा मिल गया। वहां कुछ लोगों ने महिला को भोजन कराया। उन लोगों में से दो मुश्ताक और त्रिलोक ने महिला के सोने का इंतज़ाम सरकारी अस्पताल के पास दूध की डेरी के निकट कर दिया। उन दोनों युवको की नियत में खोट था। अगले दिन सुबह वह फिर से महिला के पास गए। महिला को नींद से जगा कर वे बोले की महिला को कोरोना टेस्ट करवाना पड़ेगा।
बहला फुसला कर वे दोनों महिला को अस्पताल ले जानें लगे। भोली भाली महिला उनकी बातों में आ गयी। मौका पाकर दोनों युवक महिला को उठा कर अस्पताल के टॉयलेट के पीछे ले गए। वहां पर दोनों ने महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया। बलात्कार के सबूत मिटाने के लिए वे लोग महिला को अस्पताल के बाथरूम में नहलाने के लिए ले गए। वहां पर अस्पताल के एक कर्मचारी ने भी महिला के साथ अश्लील हरकते की।
वहां से निकल कर महिला ने एक युवक की मदद से थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवायी। पुलिस ने महिला की शिकायत दर्ज कर ली। तेज़ी से कार्यवाही करते हुए पुलिस ने तीनो युवको को पकड़ लिया। पुलिस ने महिला को मेडिकल जांच करवाने के लिए भेज दिया है। जल्दी ही सच सामने आ जाएगा।