कोरोनावायरस ने लोगों के जीवन को अस्त व्यस्त करके रख दिया है। प्रत्येक क्षेत्र के लोग इस वायरस के कारण परेशान हैं। भारत के अंदर सबसे ज़्यादा परेशान दिहाड़ी पर काम करने वाले मज़दूर हैं। लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मज़दूरों के पास काम नहीं है जिसके कारण उनके पास खाने तक के पैसे नहीं हैं। इससे भी ज़्यादा परेशान वो मज़दूर हैं जो घर से दूर काम करने गए हुए हैं और अब लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए हैं।
भूख और काम न मिलने से परेशान ये मज़दूर अब पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। देश भर के विभिन्न क्षेत्रो से मज़दूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। अभी खबर मिली है कि 5 मज़दूरों ने 9 दिन लगातार पैदल चल कर 900 किलोमीटर का सफर किया है। ये मज़दूर पंजाब के चंडीगढ़ से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के लिए निकले थे। काम और खाने की दिक्कत के कारण ये मज़दूर पलायन करने पर मजबूर हुए।
Also Read: 3 मई के बाद बढ़ेगा लॉकडाउन, ग्रह मंत्रालय ने दिये संकेत!
900 किलोमीटर का सफर पैदल तय करके ये मज़दूर रात 10 बजे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी पहुंचे। वहां उनसे पूछने पर पता चला कि वे लोग 9 दिन से लगातार सफर कर रहे हैं। मज़दूरों ने बताया कि वे 3 दिन से भूखे हैं। 3 दिन से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है। लखीमपुर खीरी में लोगों ने इनके खाने का इंतेज़ाम किया। उनके आगे के सफर के लिए खाने के पैकेट भी बना कर दिये गए।
उन्ही मज़दूरों में से एक प्रमोद ने खाना खाने के बाद बताया कि वे लोग चंडीगढ़ में दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं। 9 दिन से वे लोग बलरामपुर के लिए पैदल निकले हुए हैं। प्रमोद ने आगे बताया कि 3 दिन में उन्हें आज खाना नसीब हुआ है। इन मज़दूरों की ही तरह आज भी हज़ारो मज़दूर भारत के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। मोदी सरकार इन मज़दूरों को घर पहुँचाने और इनके खाने की व्यवस्था करने में पूरी तरह असफल हुई है।