प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना को लेकर मीटिंग की। इस मीटिंग में लॉकडाउन और देश कि मौजूदा स्थिति को लेकर कई महत्व्पूर्ण निर्णेय लेने पर चर्चा की गयी। लॉकडाउन बढ़ाया जायेगा या नहीं? इस बात पर भी अहम चर्चा की गयी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीटिंग के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नज़र आयी। अभी हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नज़र आए थे।
केंद्र पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘एक तरफ केंद्र सरकार कड़ा निर्देश देती है कि हर हाल में लॉकडाउन का पालन होना चाहिए। सभी राज्य सरकारों को लॉकडाउन को लेकर कड़े निर्देश दिये गए हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार आदेश देती है कि दुकाने खोली जाएँगी। अब अगर दुकान खुलेगी तो लोग आएंगे। और लोग आएंगे तो लॉकडाउन कैसे रहेगा? या फिर केंद्र सरकार ये चाहती है कि दुकाने खुले पर उस पर लोग न आए?
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ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, ‘केंद्र की तरफ से हमारी सराहना नहीं की जाती है। भले ही हम कितना भी अच्छा काम कर लें। केंद्र सिर्फ हमारी आलोचना करने का मौका ढूंढ़ता है। मीटिंग में मुझे एक शब्द भी नहीं बोलने दिया गया। अगर सिर्फ खुद ही बोलना था तो मीटिंग क्यों रखी? पूरी मीटिंग में मुझे एक बार भी बोलने का मौका नहीं दिया गया। कोरोना मामले कम या ज़्यादा होने पर आप किसी राज्य सरकार को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं।’
ममता ने आगे कहा कि, ‘हम गरीब सरकार हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम 5000 करोड़ प्रतिमाह खर्च कर रहे हैं। हमारे पास इतना खर्च करने की क्षमता नहीं है। केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है। बार बार राशन मांगने पर भी सिर्फ भाषण ही मिल रहा है।’