जब से देश में लॉकडाउन लगा है तब से गरीब मज़दूरों की जान पर आफत आयी हुई है। पहले लॉकडाउन के कारण काम मिलना बंद हुआ। काम न मिल पाने के कारण गरीब मज़दूरों को भूख का सामना करना पड़ा। सरकार द्वारा मदद न मिलने पर मज़दूर पैदल अपने घर की और चल पड़े। इस पैदल सफर ने सैंकड़ो मज़दूरों की जान ले ली है। अब जब सरकार मज़दूरों को उनके घर पहुंचाने का प्रबंध कर रही है तो गरीब मज़दूर सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं।
ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। मज़दूरों से भरी ये बस जयपुर से पश्चिम बंगाल के लिए निकली थी। लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। पूरी बस मज़दूरों से भरी हुई थी। लम्बे सफर के कारण ड्राइवर को थकान हो गयी। रात में ड्राइविंग करते हुए ड्राइवर को नींद आ गयी। नींद आने के कारण बस का संतुलन बिगड़ गया। हाईवे पर चल रही बस पलट कर नीचे गिर गयी। सभी घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया। इस दुर्घटना में 25 लोग बुरी तरह घायल हो गए।
ये पहली बार नहीं है जब मज़दूर सड़क हादसे का शिकार हुए हों। जब से देश में लॉकडाउन लगा है तब से ही सैंकड़ो मज़दूर सड़क हादसों का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। सरकार भी मज़दूरों की जान को सस्ता समझती है।मज़दूरों के घर जानें का उचित प्रबंध नहीं किया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले देश में 3 अलग अलग जगहों पर सड़क दुर्घटनाएं हुई थी जिसमे 32 मज़दूरों की जान गयी थी। ये तीनो दुर्घटनाएं एक ही दिन में हुई थी।